सुन्दरकाण्ड का पाठ उचारा तन और मन हुआ तृप्त सारा। सुन्दरकाण्ड का पाठ उचारा तन और मन हुआ तृप्त सारा।
अहिरावण कहे हनुमान को ढीठ बहुत तुम, लगे न डर। अहिरावण कहे हनुमान को ढीठ बहुत तुम, लगे न डर।
जाम्ब्बान के वचन को सुनके हर्षित बहुत हुए हनुमान सीता जी की सुध लाऊंगा! जाम्ब्बान के वचन को सुनके हर्षित बहुत हुए हनुमान सीता जी की सुध लाऊंगा!
शिव अर्पण शिव अर्पण
पाप, अन्याय, अधर्म और निर्दयता ने, अपना पैर पसराया है। पाप, अन्याय, अधर्म और निर्दयता ने, अपना पैर पसराया है।
बसिया तू मतवारो कान्ह उरझी पैंजनि नेक सुरझाय दे। लला देखन दै सिर मोर मुकुट मोय चटक चुनरिया पहराय दै... बसिया तू मतवारो कान्ह उरझी पैंजनि नेक सुरझाय दे। लला देखन दै सिर मोर मुकुट मोय ...